बुधवार, 15 नवंबर 2017

समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल

समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल
उद्देश्य :

यह दिखाना कि किसी समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल इसकी ऊंचाई और इसकी समांतर भुजाओं के गुणनफल के बराबर होता है।

 

सिद्धांत

समलंब चतुर्भुज वह चतुर्भुज है जिसमें सम्मुख भुजाओं का एक युग्म समांतर होता है।कोई चतुर्भुज एक समांतर चतुर्भुज होता है यदि इसकी सम्मुख भुजाओं का एक युग्म समांनतर हो और एक दूसरे के बराबर हो।समलंब चतुर्भुज की समांतर भुजाओं को “आधार” कहा जाता है और अन्य दो भुजाओं को समलंब चतुर्भुज का “पाया” कहा जाता है।समांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार (b) X ऊंचाई (h)

 

प्रमाण :

समलंब चतुर्भुज ABCD पर विचार करें। AB और DC समलंब चतुर्भुज ABCD के आधार (समांतर भुजाएं) हैं और ऊंचाई h है।

समलंब चतुर्भुज ABCD की प्रतिकृति बनाकर और इसे BC को स्पर्श कराते हुए उल्टी स्थिति में रखकर एक समांतर चतुर्भुज का निर्माण किया जा सकता है, जैसा कि नीचे के चित्र में दिखाया गया है :

 

 

हम देखते हैं कि दो समलंब चतुर्भुजों ABCD और BSPC को जोड़ने पर समांतर चतुर्भुज ASPD का निर्माण होता है।

इसलिए समलंब चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल = 1/2 X समांतर चतुर्भुज ASPD का क्षेत्रफल

= ½ X DP X h

= 1/2 X (DC+CP) X h

=1/2 X (b1 + b2) X h

= ½ X (AB + DC) X h

इस प्रकार, किसी समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल इसकी ऊंचाई और इसकी समांतर भुजाओं के गुणनफल के बराबर होता है।

उदाहरण :-

निम्नलिखित समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात करें।

 

 

हल :-

दिया गया है,

b1= 5 सेमी

B2= 11 सेमी

h= 8 सेमी

समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2(b1+b2) X h

=1/2(11+5) X 8

=64 वर्ग सेमी

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