गुरुवार, 28 दिसंबर 2017

त्रिभुज का अंतः केंद्र


त्रिभुज का अंत:केंद्र

उद्देश्य :

इस बात की व्याख्या करना कि किसी त्रिभुज के कोणों का अंत: समद्विभाजक एक ही बिंदु (जिसे अंत: केंद्र कहते हैं) पर मिलते हैं, जो हमेशा त्रिभुज के अंदर स्थित होता है।

संबंधित शब्दावलियां

अंत:केंद्र - त्रिभुज के अंत:केंद्र को त्रिभुज के अंत: कोण समद्विभाजक के प्रतिच्छेद बिंदु के रूप में परिभाषित किया जाता है। अंत: समद्विभाजक से हमारा अर्थ है किसी त्रिभुज के अंत: कोणों के कोण समद्विभाजक। चूंकि किसी त्रिभुज में तीन अंत: कोण होते हैं, इसलिए तीन अंत: समद्विभाजक अवश्य होंगे। सभी तीन अंत: समद्विभाजक का प्रतिच्छेद बिंदु वृत्त का अंत: केंद्र कहलाता है।अंत:वृत्त (अंतर्वृत्त) - ज्यामिति में, किसी त्रिबुज का अंत:वृत्त या अंतर्वृत्त त्रिभुज में निहित सबसे बड़ा वृत्त होता है; यह तीनों भुजाओं को स्पर्श (टेंजेंट होता है) करता है। अंत:वृत्त का केंद्र त्रिभुज का अंत:केंद्र कहलाता है।

 

            

विशेषताएं :

अंत:वृत्त त्रिभुज के तीनों कोण समद्विभाजकों के प्रतिच्छेद बिंदु द्वारा निर्मित त्रिभुज के संगमन बिंदुओं में से एक है।

ये तीन कोण समद्विभाजक हमेशा संगामी होते हैं और हमेशा त्रिभुज के अंत: भाग में मिलते हैं (ऑर्थोसेंटर के विपरीत जो अंत: भाग में प्रतिच्छेद कर सकते हैं या नहीं भी)। अंत:केंद्र अंत:वृत्त का केंद्र है। अंत:केंद्र त्रिभुज में स्थित एक बिंदु है जिससे भुजाओं की दूरी समान होती है।

यदि त्रिभुज अधिक कोण है तो अंत:केंद्र त्रिभुज के अंत: भाग में स्थित होता है।

यदि त्रिभुज न्यूनकोण है तो भी अंत:केंद्र त्रिभुज के अंत: भाग में स्थित होता है।

यदि त्रिभुज समकोण है तो भी अंत:केंद्र त्रिभुज के अंत: भाग में स्थित होता है।

 

 

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