गुरुवार, 1 नवंबर 2018

पायथागोरस प्रमेय

पायथागोरस प्रमेय  
गणित में, पायथागोरस  प्रमेय समकोण  त्रिभुज (सम-कोण त्रिभुज) की तीनों  भुजाओं के बीच  यूक्लिडियन  ज्यामिति में एक संबंध है।

क्षेत्रफल के अर्थ में, यह बताता है : किसी भी समकोण त्रिभुज में, उस वर्ग का क्षेत्रफल जिसकी भुजा कर्ण है (समकोण की सम्मुख भुजा), उन वर्गों के क्षेत्रफलों के योगफल के बराबर होता है जिनकी भुजाएं दो पाद (लेग) (समकोण पर मिलने वाली दो भुजाएं) होती हैं।
                                                                                        or
किसी समकोण त्रिभुज में समकोण बनाने वाली भुजाओ के वर्गो का योग तीसरी   भुजा के वर्ग के बराबर होता है
AB2=BC2+CA2


पाइथागोरस प्रमेय
                                                                         
                                                                                                              चित्र( १ )

प्रमेय को भुजाओं a, b और c की लंबाइयों के बीच संबंध बनाते हुए समीकरण के रूप में लिखा जा सकता है, जिसे पायथागोरस समीकरण a^2+b^2=c^2 कहते हैं। जहां c कर्ण की लंबाई को दर्शाता है, और a तथा b अन्य दो भुजाओं की लंबाइयों को दर्शाता है।

उदाहरण :-


दिए गए समकोण त्रिभुज ABC में AB की लंबाई कितनी है?
पायथागोरस प्रमेय द्वारा, हम देखते हैं :
AB2=BC2+CA2

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें